अकेली रात और सीरियल किलर।

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एक रात की बात है, विजय नाम का एक 15 साल का लड़का था। और उस रात वह अपने घर में अकेला था। उसके मम्मी पप्पा अपने रिश्तेदार के घर दूसरे शहर गए हुए थे। वह जानते थे की विजय अब बड़ा हो चुका है |अपना ख्याल खुद रख सकता है।

रात हो चुकी थी विजय अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था की अचानक उसे अपने पड़ोस से बहुत सारे पुलिस सायरन्स की आवाज़ सुनाई दी । बहुत सारे लोग उसके पड़ोस के शर्मा जी के घर के आगे खड़े थे। उसने अपनी खिड़की से देखा की काफी हलचल हो रही है। माहौल बड़ा चिंताजनक था, देख के लग रहा था की शर्मा जी के घर कोई बहुत बड़ा हादसा हुआ हो।

कुछ लोग आपस में बात कर रहे थे।
एक ने कहा “बहुत बुरा हुआ। इतनी बेरहमी से कोई किसी को मारता है क्या।”
दूसरा व्यक्ति : “पर मरा कौन? “
पहला: “शर्मा जी का कुत्ता। घर पर अकेला छोड़ के गए थे । कातिल(Murderer) आया और अपना काम कर गया। “
पहला : “पर कुत्ते को कौन मारता है वो भी इतनी बेरहमी से। “
दूसरा व्यक्ति “भाई आजकल का ज़माना बिलकुल ठीक नहीं, आदमी और कुत्तों में कोई फर्क नही। हमे भी सतर्क रहना चाहिए। “
पहले ने पूछा “पर क्यों?”
दूसरा: “तुमेह पता नहीं, लगता है अखबार नहीं पड़ते। “
पहला: “ना भाई हमे जो जानना होता है वो व्हाट्सप्प (whatsapp) बता देता है । “
दूसरा : अच्छा ! पर भाई यह खबर तो हर जगह आग की तरह फ़ैल चुकी है की हमारे इलाके में एक सीरियल किलर (SerialKiller) घूम रहा है । ” और यह खून भी उसी ने किया है। “

यह सब खिड़की से विजय भी सुन रहा था , और मानो उसके होश उड़ गए हो , वह काफी घबरा गया था।
उसने बिना समय गवाए अपने सभी खिड़की दरवाज़े बंद किये और भाग के अपने कमरे में चला गया। उसने अपने कमरे की बत्ती बंद की और अपने बिस्तर पर लेट गया।


देर रात हो चुकी थी। अब विजय की आँख लग चुकी थी और वे लगभग गहरी नींद में था।अचानक उसकी आँख खुल गयी, वह झट से उठ गया, उसे लगा की उसने कोई आवाज़ सुनी है। पर शायद उसका वहम होगा यह सोच के वह फिरसे सोने लगा तो उसे फिर आवाज़ आयी। इस बार उसे पूरी तरह यकीं था की उसने कुछ सुना।

वह धीरे धीरे बड़ी सावधानी से अपने कमरे से बाहर आया। उसे लगा की कोई दरवाज़े पर है और अंदर घुसने की कोशिश कर रहा है। वह घबरा रहा थ। उसके कमरे से मैन दरवाज़े तक एक तय रास्ता था जो अब किलोमीटर जितना लम्बा लग रहा था। वे धीरे धीरे दरवाज़े की तरफ बड़ा, हाल की लाइट बंद थी। उसने देखा दरवाज़े का नॉब ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था। विजय की घबराहट और बढ़ गयी। अब वे डरने लगा था , उसे पूरा यकीन था की यह वही खूनी है जो आज उसका काम तमाम कर देगा।


विजय अब अपने बचाव के लिए हथियार ढूंढ ने लगा , वह सोचने लगा घर में कोनसी ऐसी चीज़ है जिससे वह इस खूनी का मुकाबला कर सकता है। तभी उसकी नज़र पास में रखे अपने क्रिकेट बैट पर पड़ी। उसने सोचा की यह सही हथियार है, जिससे वो कातिल का सिर तरबूज़ की तरह तोड़ सकता है। क्यूंकि इसी बैट से उसने काफी centuries बनायीं थी और काफी वाहवाही भी लूटी थी। अब शायद एक और मौका मिला है जिसमे विजय अपने आप को हीरो की तरह पेश कर सकता है। उसने बैट उठाया और मन में जय माता दी…. बोल के दरवाज़े की तरफ चल पड़ा। अब दरवाज़े पर ज़ोर ज़ोर से खड़ खड़ की आवाज़ आने लगी थी। मानो खूनी दरवाज़ा तोड़ने ही वाला था। विजय अपने कदम धीरे धीरे बड़ी सावधानी से बिना आवाज़ किये बढ़ाने लगा।वह जल्दी से दरवाज़े के कोने में जाके खड़ा हो गय। | और अगर खूनी अंदर आया तो उसके एक ही वार में उसका काम तमाम कर देगा।


अचानक दरवाज़े से आवाज़ आनी रुक गयी। विजय को लगा शायद कातिल चला गया है, । इस यकीन को पक्का करने के लिए कीअब खतरा टल गया , विजय खिड़की के तरफ गया और झांक के देखने लगा | बाहर कोई हलचल नहीं हो रही थी और उसे दूर दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।


अचानक खिड़की पर एक साया नज़र आया जिसे देखते ही विजय पीछे हट गया। उसकी हार्ट बीट तेज़ हो चुकी थी वह बेहोश होने ही वाला था की
उसने गौर से उस साये को दुबारा से देखा तो , पता चला की वह साया…………

…….एक पुलिस वाले का था। जो उसे दरवाज़ा खोलने को कह रहा था।विजय की सांस वापस आ चुकी थी और उसने दरवाज़ा खोलने में देर नहीं लगायी।


दरवाज़े खुलते ही सामने पुलिस वाले को पाकर, विजय शांत हो गया। लेकिन उसे यह भी चिंता थी क्या कोई और बुरी खबर तो नहीं? …किसी और का मर्डर तो नहीं हो गया ?, पुलिस उसी के घर क्यों आयी है ?

बहुत सारे सवाल , एक साथ विजय के दिमाग में घूमने लगे। इससे पहले की विजय कुछ पूछ पाता।
पुलिस वाला बोल पड़ा : “आपके घर की घंटी खराब है क्या?”….” मैं कबसे बजा रहा हूँ , कोई आवाज़ भी नहीं आ रही थी”,….” हमने चेक करने के लिए आप के दरवाज़े का नॉब भी घुमाया….की कुछ गड़बड़ तो नहीं पर वे अंदर से लॉक था।”…. हम तो बस जाने ही वाले थे की आपने दरवाज़ा खोल दिया।

“पर क्या हुआ सर?…… “स… स सब ठीक तो है न? ” विजय ने घबरा के पूछा।
पुलिस वाले ने जवाब में कहा : “हाँ !सब ठीक है।” “हम तो बस आपको इत्तला करने के लिए आये है की”| “डरने की कोई बात नहीं

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हमने कातिल को पकड़ लिया हैं” , “अब आप चैन से सो सकते है।”


विजय ने जिज्ञासा से पूछा की “कातिल कौन है, सर ?


आप ही की कॉलोनी में जो शर्मा जी हैं ना , जिनके घर आज उनके कुत्ते को मारा गया था।
विजय ने कहा: “हाँ। हाँ।”

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कातिल और कोई नहीं, खुद शर्मा जी हैं !

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“वह अपने कुत्ते के भोकने से और अपने बीवी बच्चों के रोज़ के झगड़ों से दुखी थे। वह बहुत frustated थे लाइफ से। आज सुबह उनके कुत्ते ने उन्हें काट भी लिया और बदले में उन्होंने यह कदम उठाया। और देखिये! उस बैजूबान जानवर को मार दिया।”: यह पूरी कहानी पुलिस वाले ने विजय को इत्मीनान से सुनाई |

सुन के विजय को शांति भी मिली की मर्डरर पकड़ा गया पर साथ में शर्मा जी के इस रूप के बारे में जानकार ताजुब भी हुआ। क्यूंकि कल की ही बात थी की, विजय जब शर्मा जी के घर उनके मोबाइल की सेटिंग्स ठीक करने गया था , और उन्होंने उसे बहुत प्यार से बिठा कर पेप्सी भी पिलाई थी। साथ में क्रीम वाले बिस्कुट भी खाने को दिया थे ।

” ख़ैर ! किसी अदमी के बारे कौन क्या कह सकता है। चलो अब तो सब ठीक होगया ।” यह सब सोचते हुए विजय ने पुलिस वाले का धन्यवाद किया और वापस अपने घर में आके चैन से सो गया।

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