
यह कहानी है दो जिगरी दोस्त कुत्तों की, जिनका नाम भूरा और लाली थ।। भूरा बहुत ही अखड़ स्वभाव का था वही लाली शांत स्वभाव का थ।। भूरा लोगों को काटता और भोंकता था और वही लाली लोगों से प्यार से मिलता था | लाली को गली के बच्चे और बूढ़े प्यार करते थे । और भूरा से सभी डरते थे । इन सभी बातों के बावजूद दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।
भूरा इंसानो को अपना दुश्मन समझता था । वही लाली प्यार से रहने में विश्वास करता था। लालीअक्सर भूरा को शांत रहने की हिदायत देता। और इंसानों को गुस्से से न देखने को कहता। पर भूरा इंसानों को अपना दुश्मन मानता था वह कहता “इन इंसानों ने सभी प्रजातियों को खत्म कर दिया । सभी जानवरो को उजाड़ दिया हमारे भी घर छीन लिए हमसे , और फिर हमें ही पत्थरों से मारते हैं, क्या यह सच नही?” लेकिन लाली जवाब में यही कहता कि “सभी इन्सान एक से नहीं, कुछ इंसान हमे खाने को रोटी देते हैं, दूध देते हैं और रहने को जगह भी, और तो और कई हमें औलाद से बढ़कर प्यार भी करते हैं”। भूरा कहता है, “यह सब दिखावा है देखना एक दिन तुमेह भी यह सबक मिलेगा की यह कितने गंदे है। “
एक दिन, भूरा और लीला गलियों में अपने खाने की तलाश में घूम रहे थे की अचानक सारे कुत्ते एक ही दिशा में भागने लगे। लीला और भूरा को समझ नहीं आया और वह भी उन्ही के साथ भागने लगें। पता चला की मोहल्ले में कुत्तें पकड़ने की गाड़ी आई है जो कुत्तों को पकड़ कर ले जाती है और उनके साथ बुरा सलूक करतें है। भागते भागते भूरा कहता है “यह आज कईं बेज़ुबानो को पकड़ कर ले जायेंगे फिर उनेह तड़पाएँगे । यह ऐसे हमें जीने नहीं देंगे ,इन्हें सबक सिखाना पड़ेगा।” यह कहकर भूरा गाड़ी की तरफ दौड़ने लगा वहां खड़े दो आदमी , भूरा को देखकर सतर्क हो गए वही लीला भूरा को रोकने के लिए उसके पीछे भागा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी । भूरा, एक आदमी पर कूद गया और उसे काट लिया। वह आदमी दर्द से चिल्लाया और गुस्से में अपने हाथ में पकडे लोहे के डंडे से भूरा पर वार किया । उस वार से भूरा जख्मी हो गया। वार इतना तेज था कि भूरा दूर जाकर गिरा और बेहोश हो गया । वहीं खड़े दूसरे आदमी ने कहां “यह तूने क्या किया, हम इन्हें पकड़ने आए हैं ना कि मारने।” पहला आदमी बोला “तूने देखा कि कैसे इसने मुझे कांटा और तू इसका भला चाहता हैं ।” यह सुनने के बाद दूसरा आदमी बोला “यह सिर्फ डरे हुए हैं और डर के कारण ही उसने तुम पर हमला किया।” पहला आदमी गुस्से में कुछ बोले बिना वहां से चला गया दूसरा आदमी अच्छा मालूम पड़ता था। उस का नाम गुरु था , गुरु ने बेहोश भूरा को उठाया और उसे गाडी मैं बिठाकर डॉग वेलफेयर हाउस ले आये।
गुरु ने जल्दी से डॉक्टर को बुलाया डॉक्टर ने जख्मी भूरा की पट्टी करी फिर उसे ठीक होने के लिए इंजेक्शन दीय।। भूरा को अब तक होशआ चुका था लेकिन वह अभी भी गुस्से मैं था पर दर्द के कारण वह कुछ कर नहीं पाय।। गुरु ने फिर भूरा को स्नेहभाव मैं उठाया उसे नहलाया और भरपेट खाने को भी दीया।
कुछ दिन तक यह सिलसिला चलता रहा , गुरु बहुत प्यार से भूरा की देखभाल करता, उसे प्यार करता , उसके साथ खेलता, भूरा को भी लीला की वह बात याद आई की “सभी इंसान एक जैसे नहीं होते, कुछ बहुत अच्छे होते है।” गुरु के स्नेह को देख भूरा का नजरिया बदल गया था। अब वह पहले से शांत थ।।और अब तो वह पहले से भी ज़्यादा तंदुरुस्त और फुर्तीला भी हो गया थ।। गुरु भूरा का पूरा ध्यान रखता। उसे समय से दूध पिलाता, उसे अच्छे से नेहलता, अब भूरा और गुरु अच्छे दोस्त बन चुके थे।
कई दिन बीत गए, एक दिन गुरु भूरा के पास आया और उसने भूरा को अपनी गोद में उठाया। भूरा बहुत खुश था लेकिन वह खुशी गुरु के चेहरे पर नज़र नहीं आरही थी। वह दुविधा मैं लग रहा थ।। भूरा ने देखा की गुरु के साथ वही आदमी था, जिसे भूरा ने काटा था। यह दोनों आपस मैं बात करने लगे। गुरु बोला “आज हमें इनको वापस वही छोड़ना है जहां से हम इनेह लाए थे।” दूसरा आदमी बोला “सही तो है , और कितने दिन इनकी सेवा करनी है , इसे देखो! खा खा के मोटा हो गया है।” भूरा को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह किस इरादे से उसे ले जा रहे है। दोनों ने भूरा को उसी गाड़ी में बैठाया और उसी जगह के लिए निकल पड़े जहां से भूरा को उठाया थ।।
जैसे ही वह गाड़ी उस मोहल्ले में पहुँची की तभी वहां के सभी कुत्तो मे फिर से हड़कंप मच गया। वह सभी गाड़ी से दूर, सड़क की तरफ भागने लगे उनमें लाली भी शामिल थ।। सड़क के दूसरी तरफ गाड़ी रुकी, गुरु ने गाड़ी से भूरा को बड़े प्यार से उतारा और गम हीन आखों से भूरा को अलविदा कहा। सड़क की दूसरी तरफ लाली ने भूरा को देखा तो वह बहुत खुश हुआ। दूसरी तरफ भूरा दुखी भी था और खुश भी। दुखी इसलिए की वह गुरु से अब मिल नहीं पाएगा और खुश इसलिए कि वह आज कई दिनों बाद लाली से मिल रहा था और उसे बताना चाहता था की वह सही था। गुरु भूरा को अलविदा कह, वहां से रवाना हो गया|
लाली , भूरा को अकेले देख उसकी तरफ भागा। दोनों बहुत खुश थे। अभी लाली ने सड़क को लांघा भी नहीं था की कुछ दुरी में एक बड़ी महंगी गाड़ी में तीन चार लड़के लड़किया नशे में धुत और तेज़ रफ़्तार में आ रहे थे। उनसे गाडी संभाली नहीं गयी और गाडी सीधे लाली से टकरायी और उसे कुचलते हुए आगे निकल गयी। लाली ने वही दम तोड़ दिया। भूरा कुछ समझ पाता इससे पहले ही सब ख़तम हो चूका था। उसका सबसे प्यारा दोस्त अब इस दुनिया में नहीं था। और वह उसे यह सचाई नहीं बता पाया, जो उसे आज पता चली की
इस दुनिया में सभी इंसान एक जैसे नहीं होते।